हाय महँगाई
पेट्रोल पंप पर तेल भराते समय सहसा ही नजर लगे पोस्टर पर मुस्कुराते देश की माननीय प्रधानमंत्री की ओर चली गई। मंद-मंद मुस्कान वाले चेहरे को देखकर मानों पेट्रोल-डीजल से लेकर रसोई गैस तक की मंहगाई का दर्द कहीं काफूर हो चला हो। बाइक में 100 रुपये प्रति लीटर का पेट्रोल भरावकर ऐसा लगा मानों जैसे मैंने सियाचीन व कारगिल की पहाडियों पर तैनात भारतीय जवानों के लिए दुश्मन से लड़ने के लिए गोलियों का इंतजाम कर दिया हो या फिर उस गांव की कच्ची पगडंडी जिस पर मानसून के दौरान तालाब सा का नजारा दिखाई पड़ता है उसके लिए पक्की सड़क का बंदोबश्त कर डाला हो। गर्व से लबरेज मैं जैसे ही आगे बढा तो सरकारी दफ्तर के बाहर वाली दीवार पर मुफ्त वैक्सीन के लिए लगे 'धन्यवाद मोदी जी' के पोस्टर को देखकर मैं अपना मस्तक झुकाने से ना रोक सका। चहुंओर जिधर नजर दौडाओं ऊधर ही सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के पोस्टर लगे दिखाई पड़ते है। कहां है मंहगाई? मैं उन लोगों से पुछना चाहता हूं जो पेट्रो पदार्थों की बढ़ती कीमतों का रोना रो रहे हैं और देश की आम जनता को गर्व का एहसास होने के बजाय उन्हें भ्रम में डाल रहे है कि सरकार द्...